Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय मुखर्जी ने बताया है कि गंगा घाटों पर साफ-सफाई के लिए नगर निगम के साथ मिलकर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की ओर से भी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं। नदी के अंदर से विसर्जित की गई मूर्तियों के अवशेषों को तत्काल निकाल लेने के लिए तीन मैकेनाइज्ड बोट तैनात किए गए हैं जिनमें पोर्ट ट्रस्ट के चार कर्मचारियों की तैनाती है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भव्य तरीके से देवी दुर्गा की आराधना के बाद उन्हें विदाई देने की परंपरा शुरू हो गई है। मंगलवार को पहले दिन हजारों की संख्या में मूर्तियों का विसर्जन कोलकाता के 24 गंगा घाटों पर किया गया है। यहां रात भर नगर निगम की टीम साफ सफाई अभियानों में जुटी रही है।
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय मुखर्जी ने बताया है कि गंगा घाटों पर साफ-सफाई के लिए नगर निगम के साथ मिलकर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की ओर से भी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं। नदी के अंदर से विसर्जित की गई मूर्तियों के अवशेषों को तत्काल निकाल लेने के लिए तीन मैकेनाइज्ड बोट तैनात किए गए हैं जिनमें पोर्ट ट्रस्ट के चार कर्मचारियों की तैनाती है। पांच टन कैपेसिटी के माउंटेड क्रेन लगाए गए हैं। इसके अलावा 20 लोगों को भी तैनात किया गया है जो गंगा नदी के अंदर से मूर्तियों के अवशेष निकाल रहे हैं। यह दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान चार दिनों के लिए तैनाती जारी रहेगी। दुर्गा पूजा के अंत में मूर्ति विसर्जन का समय आने के साथ ही उदासी का माहौल हो गया है, क्योंकि मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी जाती है। कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में 34 विसर्जन घाटों और 40 झीलों और कृत्रिम जलाशयों पर मंगलवार दोपहर से विसर्जन प्रक्रिया शुरू हुई। विसर्जन प्रक्रिया कोलकाता पुलिस, आपदा प्रबंधन विभाग, कोलकाता नगर निगम और नदी यातायात गार्ड द्वारा संयुक्त रूप से व्यापक सुरक्षा घेरे में आयोजित की गई जा रही है।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि इस वर्ष निगम और शहर पुलिस के बीच बेहतरीन समन्वय रहा है। यही क्रम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा, जब तक आखिरी मूर्ति विसर्जित नहीं हो जाती।